Baahubali The Conclusion Movie Review
इसलिए मारा कट्टपा ने बाहुबली को!
इतिहास गवाह है कि हर कहानी के कुछ गहरे राज होते हैं इंसान को रिश्तों के पीछे छुपे गद्दार को पहचानना मुश्किल होता है उसी तरह बाहुबली कि मौत के पीछे भी उसके अपनों का हाथ था लेकिन कट्टपा ने बाहुबली को क्यूँ मारा ये राज़ अभी तक सब के लिए राज़ ही थाकहते है कि गुनाह करने वाले से ज्यादा गुनाह करवाने वाले का दोष होता है इसी तरह कट्टपा से भी इस गुनाह को करवाने वाले भी बाहुबली के अपने ही थे अमरेन्द्र बाहुबली के पिता के मरने के बाद शिव्गाम्नी बिना शासक के राज्य में राज्य द्रोह न इस नाते सिंघासन बिना ग्रहण किए राज्य में व्यवस्थि ढंग से शासन शुरू कर राज्य कि बागडोर संभल ली अपनी ममता के तले अपनी देवरानी के बच्चे को बाहुबली और अपने पुत्र भाल्लालदेव कि देख-रेख कर उन दोनों को राजा बने योग्य बनाया फिर अकसमात ही देश के सैनिक दवारा विश्वासघात करने के कारण माहेश्वरी राज्य को कलिके के साथ युध के बादल देखने लगे उसी बीच शिव्गाम्नी को माहेश्वरी का कौन राजा होगा इस बात की भी घोषणा भी करनी थी तब उन्होंने एक प्रस्ताव सब के सामने रखा कि जो कालिके को युद्ध मे परास्त कर माहेश्वरी की रक्षा करेगा वो ही इस सिंघासन के योग्य होगा कालिके को युद्ध मे भाल्लाल देव द्वारा मारे जाने पर उनके पिता ने और सभी लोगो ने आश लगाई की भाल्लालदेव को ही माहेश्मती का राजा घोषित किया जायेगा, पर युद्ध के दोनों पक्षों को देखते हुए शिव्गाम्नी ने प्रजा की रक्षा करते हुए युद्ध करने की कला को देख कर बाहुबली को राजा और दूसरी तरफ प्रजा का ध्यान न देकर केवल युद्ध मे विजय प्राप्त करने की निति देख कर भाल्लालदेव को माहेश्मती का सेनानायक घोषित कर दिया अपने साथ अन्य होना मान कर पुत्र और पिता दोनों के मन मे प्रतिशोध की ज्वाला भड़क रही थी
बाहुबली 2
इस फिल्म मे कट्टपा ने बहुबली के पुत्र महेंद्र बाहुबली को उसके पिता की हत्या कैसे और क्यों हुई और कट्टपा ने बाहुबली को क्यों मारा इसके बारे मे पूरी कहानी उसके पिता की बताई कि प्रजा बाहुबली को क्यों इतना आदर करती है और देवसेना कैसे बंधक बन जाती है राजमाता शिव्गाम्नी के घोर त्याग की कहानी सुनाई राज माता शिव्गाम्नी की घोषणा के बाद बाहुबली के राजतिलक की इंतज़ारकी घड़ियाँ ख़त्म कर विजय दशमी के दिन राजतिलक की घोषणा कर दी गयी और राजमाता के देशानुसार बाहुबली को राज्य मे भेश बदल के प्रजा के दुःख-सुख का पता और माहेश्मती राज के लिए क्या राय है प्रजा की ये पता लगाने के लिए कट्टपा के साथ भेज दिया और कहा की तुम्हारे लोटने तक हम तुम्हारे योग्य जीवन संगनी खोज के रखेगे जो तुम्हें लोरीसुना सकेकुछ समय राज्य मे घुमने के बाद एक दिन बाहुबली की मुलाकात राजकुमारी देवसेना से होती है उनके रण कौशल को और सुन्दरता को देख वे मोहित हो जाते है और मंद बुद्धि के युवक बन उनके साथ उनके राज्य चले जाते है इधर भाल्लालादेव और उसे पिता को बाहुबली और देवसेना के प्रेम की सुचना मिलती है
मोके का फ़ायदा उठाते हुए भाल्लाल देव एक षड्यंत्र रचता है और राजमाता शिव्गाम्नी से कहता है कि उसे चित्रकार के घर उनकी तस्वीर देख राजकुमारी देव सेना से प्रेम हो गया है और उनसे विवाह करने हेतु वचन ले लेता है और राज माता द्वारा विवाह का प्रस्ताव देवसेना के राज्य मे जाता है इधर जंगल मे जा कर देवसेना के साथ बाहुबली अपने प्रेम प्रसंग को आगे बढ़ाते है कुछ समय बाद राजकुमारी के राज्य पर शत्रु द्वारा आक्रमण होने पर उनके राज्य की रक्षा कर अपनी सचाई बात देता है उधर राज माता द्वारा भेजे गए रिश्ते को देवसेना अस्वीकार कर संदेश भेज देती जिसे नाराज़ हो बाहुबली को ये संदेश भेजवाया जाता है कि देव सेना को बंधी बना कर माहेश्मती लाया जाए देवसेना स्वाभिमानभर कर बाहुबली के साथ बंदी बन माहेश्मती जाने से इनकार कर देती
अपने प्रेम का वचन दे वे उनसे आग्रह कर राज़ी कर लेते है और कहते है की वे बाहुबली उनके स्वाभिमान क की रक्षा करेंगे माहेश्मतीराज दरबार मे देव सेना का अपमान होता देखे बाहुबली राजमाता के निर्णय पर अंकुश लगा देते है जिस से क्रोध मे भर कर राजमाता उनसे राज्य सिंघासन या देव सेना मे एक को चुनने को कहती है देवसेना को चुन कर राज का पद छोड़ देते है राज माता द्वारा भाल्लाल देव का राज और बाहुबली को सेनानायक पद देंने की घोषणा करती है देव सेना के साथ बाहुबली का विवाह हो जाता है देवसेना के साथ कुछ समय बात देवसेना की गोदभराई के अवसर पर बाहुबली से उनक पदभी छीन लिया जाता है भाल्लालदेव के मंत्री द्वारा दूरव्यवहार करने पर देव सेना मंत्री की ऊँगली काट देती जिसके कारण उन्हें बंदी बनकर अपराधी कहा जाता है तभी अपनी पत्नी का अपमान देख बहुबली कहता है “ कि किसी व्यक्ति द्वारा किसी स्त्री का अपमान होने पर उस व्यक्ति उसकी उँगलियाँ नहीं उसका सिर काट देना चाहिए "
देवसेना और बाहुबली को देशद्रोही मान कर उन्हें राज्य से निकाल दिया जाता है और वे प्रसंता पूर्वक प्रजा के साथ रहने लगते है कुमार को भाल्लाल देव की हत्या का प्रपंच मे फंसा कर बाहुबली का विद्रोह बता बिज्जलाल शिव्गाम्नीको उसका कर कट्टपा के हाथों बाहुबली हत्या करने का आदेश दिलवाता है
वचनों से मजबूर हो कट्टपा को बाहुबली की हत्या करनी पड़ी है तभी कट्टपा को भाल्लालदेव बताता है की ये सब केवल बाहुबली को मरने के लिए षड्यंत्र था सारा वृत्तांत सुने के बाद कट्टपा राज माता शिव्गाम्नी के पास जाते हैऔर सब कुछ भल्लालदेव के बारे मे बताते है उसी वक्त देवसेना अपने बच्चे के साथ आ जातीं ह भाल्लाल देव अपनी माँ ओर उस बच्चे मरने का प्रयत्न करता है देवसेना को बंदी बना लेता है देवसेना अपने बच्चे से वचन मांगती है की वो वापसआ उनको छुड़वाये गा और अपने पिता की हत्या का बदला भी लेगा
बच्चे के प्राणों के रक्षा के लिए राजमाता शिव्गाम्नी बच्चे को लेकर भाग जाती है अपने प्राणोंके आहुति दे उस बच्चे के प्राणोंकी रक्षा करती है सारी कथा सुनने के बाद महेंद्र बाहुबली अपने पिता की हत्या का बदला और अपनी माता को पचीस वर्षों तक बंदी बनाये रखने का प्रतिशोध लेने माहेश्मती पहुचं जाते हैं
देव सेना, कट्टपा और महेंद्र बाहुबली घोर युद्ध कर माहेश्मती को मुक्त करते है और महेद्र बाहुबली राज्य स्वीकार कर अपनी दादी राज माता शिव्गाम्नी के पड़ चिन्हों पर चल राज्य सपथ ले कहते है- “ मेरा वचन ही मेरा शासन”
जय हो माहेश्मती जय हो बाहुबली
बाहुबली २ के क्रियू का नाम:डायरेक्टर:
एस.एस. राजामौली
प्रोडूसर:
शोभू यार्लागाद्दा
प्रसाद देविनेनी
म्यूजिक डायरेक्टर:
एम.एम कीरावानी
सिंगर:
दलेर महेंदी
मोनुइमा
सोनी
दीपू
सृसौम्य
कालाभैरव
श्रीनिधि
बाहुबली २ के कास्ट का नाम:
एक्टर:
प्रभाष – महेंद्र बाहुबली
राना दग्गुबती- भाल्लाल देव
अनुष्का सेठी- देवसेना
तमन्ना – अवंतिका
रम्या कृष्णन- राज माता शिव्गाम्नी
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